समकालीन कविता के
जाने-माने नाम थे वह,
हिंदी कविता की
शान थे वह।
राजनीतिक चेतना व
मानवता की सुरम्य आभा से
सरोबार थे वह,
‘पहाड़ पर लालटेन’ सी
चमकती
पहचान थे वह।
संघर्ष में जूझती
मानवता के अल्फाज थे वह
शीर्ष कवि
मंगलेश डबराल थे वह।
आज उनके परलोक गमन पर
शत-शत नमन और श्रद्धांजलि है
ईश्वर के चरणों में स्थान मिले
उस महान कवि आत्मा को
सादर नमन व श्रद्धांजलि है।