कहाँ था क्या था और क्या हो गया हूँ मैं

कहाँ था क्या था और क्या हो गया हूँ मैं।
इस भीड़ में न जाने कहा खो गया हूँ मैं।।
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अब मुझको आवाज़ क्यूँ देती है जिंदगी।
जब मौत के आगोश में ही सो गया हूँ मैं।।
@@@@RK@@@@

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