कहानी ले जाना

मेरे ख्वाबों के घर से हर एक रवानी ले जाना,

बिछड़ रहे हो मुझसे तो मेरी ये निशानी ले जाना l

 

 

ले जाना सब ख्वाब- खिलौने, ले जाना तुम बचपन मेरा,

और सुनो तुम जाते-जाते मेरी जवानी ले जाना l

 

 

कह देना कि पागल था वो जान लुटाता था मुझपर,

मतलब की इस दुनिया में तुम मेरी कहानी ले जाना l

 

 

यादों की इक चादर में कुछ बातें मेरी रख लेना,

सब तुमसे मुहब्बत कर लेंगे, थोड़ी नादानी ले जाना l

 

 

है हिज़रत की तक़लीफ़ तुम्हें भी लोगों से ये कह देना,

तुम अपनी झूठी आंखों में कुछ झूठा पानी ले जाना l

 

 

हर कतरे को “सागर” करना आदत है इन आंखों की,

सुनो मेरी आंखों से तुम ये मौज-ए-उफानी ले जाना ll

 

हिज़रत=जुदाई

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-Er Anand Sagar Pandey

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