कहो तो

कहो तो दिल की कलम से तुम्हारी तस्वीर बना दूँ,

 कहो तो  मोहब्बत के हसीन रंगों से उसे सजा दूँ,

और भी कुछ हसरतें बाकी हैं इस शीशा ऐ दिल में, 

कहो तो इस तस्वीर को ही अपनी तकदीर बना 

लूँ।

 

 

 

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