Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दीप ऐसा जलाओ
दीप ऐसा जलाओ ************************ *********************** दीप ऐसा जलाओ ऐ दिलबर हर तरफ रौशनी -रौशनी हो। न अमावस की हो रात काली हर निशा चांदनी -चांदनी…
हे भक्त-वत्सल हे रघुनंदन
संगीत सहित हे भक्त-वत्सल हे रघुनंदन काटो भव-बंधन मेरे हे भक्त-वत्सल हे रघुनंदन काटो भव-बंधन मेरे राम तुम्हीं हो भव-भय हरन वाले — 2 बार…
घने अंधेरे भी बेहद जरुरी होते हैं….
घने अंधेरे भी बेहद जरुरी होते हैं….. घने अंधेरे भी बेहद जरुरी होते हैं बहुत से काम उजाले में नहीं होते हैं। उडऩा चाहेंगे जो…
माँ शारदे वरदान दो
माँ शारदे वरदान दो वरदायिनी वरदान दो मेरे उर में तेरा वास हो हर रोम में प्रकाश हो सन्मार्ग पर मैं चल सकूँ मुझे अभय…
नमन करो उन वीरों को
शहीदों को नमन ****** नमन करो उन वीरों को जिनसे से यह देश हमारा है उनके साहस के दम पर महफूज घरों में रहते हैं…
nice one