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काला पानी (भाग 1)

काला पानी के नाम से,
प्रसिद्ध वह स्थान है
जहां भेजे जाते थे ,
भारत के स्वतंत्रता सेनानी।
सैल्यूलर जेल के नाम से
जो वहीं विद्यमान है ।
पोर्ट ब्लेयर के नाम से
आजकल उसको जाना जाता है,
कोई वापिस नहीं आया, जो गया वहां
ऐसा माना जाता है ।
वहां वीर-संवारकर जी ,
का कमरा भी देखो,
दस फुट का आकार है
फांसी घर को देख के,
हृदय में मच गया,
हा-हाकार है ।
अंग्रेजों ने जाने कितने,
भयानक जुल्म ढहाए थे
कोड़े मारे नंगी पीठों पर,
वो कितने करहाए थे ।
बोरों में भरके खुजली चूरन,
जबरन पहनाया जाता था
जब वो दर्द से करहाते थे,
अंग्रेज़ों द्वारा आनन्द उठाया जाता था
डांसिंग इंडियन कह कर उनको,
ठहाके लगाए जाते थे ।
इंसानों से कोल्हू चलवाकर,
नारियल तेल निकलवाए जाते थे।
खाने में फ़िर कंकड़ वाली,
दाल ही दे दी जाती थी ।
रोटी में भी अक्सर मिट्टी
की शिकायत आती थी ।
कैसे-कैसे ज़ुल्म सहे थे,
सुन के भी दिल थर्राता है,
ऐसे किस्से सुन-सुन के,
जी तो घबराता है ।..

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