‘ऐसे किरदार का यूँ भी है महकना वाजिब,
कि नाम जिसका महज़ खुशबुओं से लिखा हो..
आखरी खत ये जो खाली सा नज़र आता है,
यूँ भी हो सकता है कि आँसुओं से लिखा हो..’
– प्रयाग
‘ऐसे किरदार का यूँ भी है महकना वाजिब,
कि नाम जिसका महज़ खुशबुओं से लिखा हो..
आखरी खत ये जो खाली सा नज़र आता है,
यूँ भी हो सकता है कि आँसुओं से लिखा हो..’
– प्रयाग