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किसी को दुःख न मिले

सब पायें नवरंग
किसी को दुख न मिले भगवान।
भरपेट भोजन, वसन ढका तन,
आस चढ़े परवान।
किसी को दुःख न मिले भगवान।
जीवन सबका खुशियों भरा हो
सूखे न मन कोई,
हरा ही हरा हो,
खूब उगें धन-धान।
किसी को दुख न मिले भगवान।
समरसता हो
लोगों के भीतर,
भेदभाव सब दूर रहे
मानव एक समान।
किसी को दुख न मिले भगवान।
सब राजा हैं
सब प्रजा हैं
कोई न समझे मालिक खुद को
सब हैं यहाँ मेहमान।
किसी को दुःख न मिले भगवान।
सब पायें नवरंग
किसी को दुःख न मिले भगवान।

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