कौन हो तुम?
माँ की ममता से लेकर पापा के ताने तक
भाई की सगाई से लेकर बहिन की बिदाई तक
माशूका की परेशानी से लेकर बीवी की चिक चिक तक
सब कुछ संभल कैसे लेते हो तुम ?
कौन हो तुम?
दोस्तों को बाई बोलने से लेकर माशूका से बिछड़ने तक
नौकरी ने निकले जाने से लेकर घर को सँभालने तक
भाई बेहेन की पढाई से लेकर घर की किराये तक
सब कुछ कैसे संभल लेते हो तुम ?
कौन हो तुम?
बीवी बच्चे माँ बाप की आड़ मे,खुद को भूल जाते हो तुम
बाकी कोई भूका ना रहे , खुद भूके रह जाते हो तुम
भले ही सब पर गुस्सा करते हो, पर चुपके से सबकी इच्छाए भी पूरी करते हो तुम
सब कुछ कैसे संभल लेते हो तुम ?
कौन हो तुम?
दुखो का भोज है , पर इससे अकेले संभल लेते हो तुम
लाख परेशानी हो, पर चेरे पे मुस्कराहट बनाए रखते हो तुम
दिल से टूटे हो, अकेले रूंटे हो , कूंट कूंट के रातों को रौंते हो
पर फिर भी सब कुछ अकेले ही झेल लेते हो तुम
खुद से सम्भला नहीं जा रहा
पर दूसरों को संभाल लेते हो तुम
सब कुछ कैसे कर लेते हो तुम ?
कौन हो तुम?
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