क्यो कुचलते हो परतीभा के परतीभाओ को,
चंद पैसो के लिए तुम्हारे घर खुशी जाती पैसो की,,
यहाँ परतीभा वाले बच्चे की लाशे मिलते नदी या रेल किनारे मे,,
क्यो कुचलते हो चंद पैसो के लिए,,
JP singh
क्यो कुचलते हो परतीभा के परतीभाओ को,
चंद पैसो के लिए तुम्हारे घर खुशी जाती पैसो की,,
यहाँ परतीभा वाले बच्चे की लाशे मिलते नदी या रेल किनारे मे,,
क्यो कुचलते हो चंद पैसो के लिए,,
JP singh