ज्ञान

जिसको जैसे समझ आये समझाना पड़ता है, एक शिक्षक को बड़ा दिमाग लगाना पड़ता है, बहुत शरारत करते हैं जब, बच्चे मन के सच्चे हैं…

बचपन

बारिश के मौसम में कागज़ की कश्ती डूबने का इंतज़ार ही करती रह गयी। और ये बच्चे उड़ने के सपने लिए उस कागज़ को पढ़ते…

पापा

अगर देती जन्म “‘” माँ”” चलना; सभलना सिखाते है पापा। . …………. जितना भी बच्चे फरमाइस करते; पुरा करते है पापा। अपना सारा अरमान कुचलकर;…

जोकर

पहने सर पर नीली टोपी उछलता -कूदता आता है कभी इधर तो कभी उधर नाचता और नचाता है। भर अपने थैले में टॉफी बिस्कुट सबको…

खिलौने वाला

हाथ में लेकर सीटी आता साइकिल पर होकर सवार एक डंडे पर ढेर से खिलौने जिसमे रहते उसके पास गली गली और सड़क सड़क बच्चों…

खिलौने वाला

हाथ में लेकर सीटी आता साइकिल पर होकर सवार एक डंडे पर ढेर से खिलौने जिसमे रहते उसके पास गली- गली और सड़क- सड़क बच्चों…

गुब्बारे

देख गुब्बारे वाले को जब बच्चे ने आवाज़ लगाई दिला दो एक गुब्बारा मुझको माँ से अपनी इच्छा जताई। देखो न माँ कितने प्यारे धूप…

ममता

एक युवती जब माँ बनती है, ममता के धागों से बच्चे का भविष्य बुनती है, ज़ज्बात रंग -बिरंगे उसके, बच्चे के रंग में ढलते हैं,…

सवाल पूछा

संस्कार में दबे बच्चे से घूरते हुए अध्यापक ने सवाल पूछा, बेटा ये बताओ हम कौन? बच्चा मुस्कुराते बोला, अध्यापक जी आप गुरु हम शिष्य…

तब आना तुम

तब आना तुम, जब हिना का रंग कई दफा चढ कर उतर जाए। जब अपने बच्चे की खातिर अबला वात्सल्य प्रेम में बिखर जाए तब…

जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)

वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…

हैरानी सारी हमें ही होनी थी – बृजमोहन स्वामी की घातक कविता।

हैरानी कुछ यूँ हुई कि उन्होंने हमें सर खुजाने का वक़्त भी नही दिया, जबकि वक़्त उनकी मुट्ठियों में भी नही देखा गया, लब पर…

बाल श्रमिक

मंदिर में पानी भरती वह बच्ची चूल्हे चौके में छुकती छुटकी भट्टी में रोटी सा तपता रामू ढावे पर चाय-चाय की आवाज लगाता गुमशुदा श्यामू…

माँ

अहसास प्यार का माँ के, माँ की यादें, माँ का साथ। गज़ब सुकूँ मिलता है, जब माँ सर पर फेरे हाथ॥ माँ के हाँथ की…

“वे”

आकाश से आती हैं जेसे ठंडी ठंडी ओस की बुंदे। नन्हे नन्हे बच्चे आते हैं आँखे मूंदे।। इन बूंदों को सँभालने वाली वो कोमल से…

माँ

आँखे तुझ पर थम गई जब तुझको बहते देखा। सोच तुझमे रम गई जब तुझको सेहते देखा ।। अपनी कलकल लहरों से तूने प्रकृति को…

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