Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-3
रामायण में जिक्र आता है कि रावण के साथ युद्ध शुरू होने से पहले प्रभु श्रीराम ने उसके पास अपना दूत भेजा ताकि शांति स्थापित…
ज्ञान का पहला मार्ग
अज्ञानता ही ज्ञान का पहला मार्ग है l अज्ञानता से हीन भाव रखना, अपने आप में मूर्खता है l अल्प ज्ञान भी ज्ञान है, जब…
मायापति की माया
अभिमन्यु वध से व्याकुल अर्जुन जयद्रथ की कायरता सुनकर के क्रोध से जल उठा। जल रही प्रतिशोध की आग को शांत करने चीखकर प्रतिज्ञा कर…
क्षणिका
क्षणिका ?:– ✍ जब गम सताता है, गाने मैं गुनगुनाता हूं । जब ददं रुलाता है, तराने मैं सजाता हूँ ।। (1) जब रंज बढ…
वाह