हार गए
इसलिए उदास हो ना
खूब निराश हो ना
दिल टूट गया है ना
उत्साह रूठ गया है ना
सब तरफ से हताश हो ना,
हाथों में माथा टेककर
सोच रहे हो ना क्या करूँ
तो सुनो, सबसे पहले उदासी छोड़ो,
निराशा की कड़ी तोड़ो,
जीवन की दिशा को
आशा और उत्साह की तरफ मोड़ो।
जो हुआ सो हुआ,
अब करो दुआ
खुद के लिए भी
दूसरों के लिए भी।
ऐसे मथो माखन
कि उपजे सुगन्धित घी,
मन की हार है
अन्यथा कुछ नहीं है,
जन्म लेते समय कुछ नहीं लाये थे साथ,
तब क्या है हारने की बात।
समझ गए ना
तुम्हें निरुत्साह को है हराना,
जीवन का सच समझ कर
अपना मार्ग है बनाना।