ख्वाब2

मेरी आंखों में झाँक लो आकर
जलते ख्वाब जो देखना चाहो।

Related Articles

मयस्सर कहाँ है।

मयस्सर कहाँ हैं सूरते-हमवार देखना, तमन्ना हैं दिल की बस एक बार देखना! किसी भी सूरत वो बख्शा ना जायेगा, गर्दन पे चलेगी हैवान के…

ग़ज़ल

तेरे दुआओं में असर देखना है अब तो ज़हर पी के देखना है तन्हाई में बहुत बसर कर लिए अब तो महफिलों में तन्हा देखना…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

New Report

Close