Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Antariksha Saha
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
मेरे दीवाने कहाँ गए…?
गज़ल:- ❤❤ “मेरे दीवाने कहाँ गए” ❤❤ ————————— मेरे ख्वाब सजाने वाले कहाँ गए? मुझे जान-जान कहके बुलाने वाले कहाँ गए? —‐———————————- जो कहते थे…
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