गाऊँ गीत मनाऊँ होली
खुशी मनाऊँ मन ही मन
रंग की रौनक जहाँ तहाँ हो
खूब सजाऊँ अपना तन।
लाल व पीले, हरे, गुलाबी
सारे रंग उड़ाऊँ मैं,
खुद का चोला खुद ही रंग लूँ
मन से तन को भिगाऊँ मैं।
बनकर खूब रंगीन सा पुतला
होली आज मनाऊँ मैं।
जो आये रंगों को लेकर
उसको खूब रिझाऊं मैं।