गुरु ज्ञान भण्डार समेटे, कभी न अपनी आँखे मींचे,
शिक्षा के दीपक प्रकाश से हर जन के जीवन को सींचे,
गुरु न देखे जाति धर्म, न मन में कोई संशय कीजे,
गुप्प अँधेरे में भी दृढ सन्कल्प में उसका हर क्षण बीते।।
राही (अंजाना)
गुरु ज्ञान भण्डार समेटे, कभी न अपनी आँखे मींचे,
शिक्षा के दीपक प्रकाश से हर जन के जीवन को सींचे,
गुरु न देखे जाति धर्म, न मन में कोई संशय कीजे,
गुप्प अँधेरे में भी दृढ सन्कल्प में उसका हर क्षण बीते।।
राही (अंजाना)