गूंजती फ़िजाओ में Abhishek kumar 4 years ago गूंजती फ़िजाओ में रंग कितनें बिखरे हैं और रेशम के धागे भी उलझे हैं, कितनी मशरूफ है ज़िन्दगी अपनी हम भी उलझे हैं वो भी उलझे हैं ।