Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
गजल- सोचा न था |
गजल- सोचा न था | ठुकरा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था | दगा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था |…
गुनहगार हो गया
सच बोलकर जहाँ में गुनहगार हो गया, लोगों से दूर आज मैं लाचार हो गया। जो चापलूस थे सिपेसालार बन गए, मोहताज़ इक अनाज़ से…
सोचा नहीं था
चले जाओगे तुम ये सोच नहीं था हो जाएगें तनहा हम ये सोचा नहीं था हंसते हंसते बितायी थी जिंदगी हमने गम में ढ़ल जाएगी…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
deep lines
Good