टूट कर चारों तरफ बिखरा हुआ हूँ दोस्तो।
काँच सा तीखा, दिलों में, चुभ रहा हूँ दोस्तो।
फर्क इतना है कि मैं टूटा नहीं हूं खुद ब खुद।
मार कर पत्थर बड़े, रौंधा गया हूँ दोस्तो।
टूट कर चारों तरफ बिखरा हुआ हूँ दोस्तो।
काँच सा तीखा, दिलों में, चुभ रहा हूँ दोस्तो।
फर्क इतना है कि मैं टूटा नहीं हूं खुद ब खुद।
मार कर पत्थर बड़े, रौंधा गया हूँ दोस्तो।