Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
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वाह जी वाह पाण्डेय जी
सादर नमस्कार और धन्यवाद
Nice poem
Thanks
Nice poem
Thank you
बहुत अछि लगी
ह्रदयस्पर्शी..
सादर धन्यवाद
एक परेशान व्यक्ति की व्यथा का सटीक चित्रण।
हृदय स्पर्शी रचना….
इस सुन्दर समीक्षा हेतु बहुत बहुत धन्यवाद।
सुंदर
सादर धन्यवाद जी
🙏✍👌✍👌
धन्यवाद जी
बहुत सुंदर रचना है
बहुत सारा धन्यवाद जी
सुन्दर
सादर आभार जी
बहुत सुन्दर 💐💐💐💐