Categories: शेर-ओ-शायरी
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आँखों से बहता पानी कहाँ एक सा होता है कभी खुद के लिए रोता है, कभी खुदा के लिए रोता है ! कभी कुछ पा…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
वो समुन्दर भी बहुत रोता है
वो समुन्दर भी बहुत रोता है समझ गया एक दिन समुन्दर,तू भी कितना रोता है, खारा है तू खुद में कितना , शायद इंसान से ज्यादा तू दिल ही दिल…
क्योंकर छिलका खाए कृष्णा
क्योंकर छिलका खाए कृष्णा? इतिहास हमारा क्या कहता है ? क्या मतलब है इसका कहना? एक प्रश्न मन पूछ रहा है क्योंकर छिलका खाए कृष्णा?…
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