गुनगुनाते गीत मेरे
जीवन से जुड़े लफ़्ज़ों में
बुजुर्गों की दुआओं में,
प्रेम की निगाहों में ।
ममता के अश्कों में,
उमड़ते भावों में
भर रहे घावों में
टूटती चाहों में
दर्द में आहों में।
निकलते बोल मेरे
जीवन की मधुर बातों में
नेह भरे नातों में
मीठी मुलाकातों में
बीत गई यादों में,
गुनगुनाते रहे
गीत मेरे होंठो में
बिक रहे नोटों
बड़ों में छोटों में
दिल में लगी चोटों में,
निकलते बोल मेरे
ईश तुम सुन लेना
और सत पथ देना।