तमाम दर्द मिट गये।
मेरे आँखो मे गुमाण उनका था ,
वसा ना पाया मेरे आँखो ने किसी दुसरे को दिल मे क्योकि मकान उनका था !
तमाम दर्द -जख्म मिट गये मेरे लेकिन जो ना मिट पाये उसमे नाम उनका था।।
जेपी सिह
मेरे आँखो मे गुमाण उनका था ,
वसा ना पाया मेरे आँखो ने किसी दुसरे को दिल मे क्योकि मकान उनका था !
तमाम दर्द -जख्म मिट गये मेरे लेकिन जो ना मिट पाये उसमे नाम उनका था।।
जेपी सिह
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Waah
अभार आपका
वाह बहुत सुंदर रचना ढेरों बधाइयां