तुम जाओगे… मोहन 4 years ago तुम जाओगे ,कल नहीं; आज चलें जाओ, छोड़ जाओ, रोकूंगा नहीं, मगर काम ज़रा-सा करके जाओ, फिर कभी टोकूंगा नहीं। ये यादें जो घर बनाएं बैंठी है दिल में, ज़रा मेहरबानी ! ले जाओ, फिर कभी भी; ईमान से, कोसूंगा नहीं।