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तेरी खुशी है किसमे

‘तेरी खुशी है किसमे, तय कर ये रज़ा अपनी
परेशान हो गया हूँ, दुआ बदल-बदल के..

शायद के कोशिशों से, घुट जाए दम भी मेरा,
जलती है आग भी अब, धुँआ बदल-बदल के..

होगी तेरी नज़र में, हँसी खेल ये मोहब्बत,
इश्क भी अक्सर तुझे, हुआ बदल-बदल के..

कुछ अपनी रहगुज़र में, तब्दीलियां चाहते थे,
खेला है ज़िन्दगी का, जुआ बदल-बदल के..’

– प्रयाग धर्मानी

मायने :
रज़ा – मर्ज़ी
रहगुज़र – रास्ता
तब्दीलियां – परिवर्तन

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