ए मालिक मेरी चाहतों का अंत ना हुआ
तेरी रहमत और बरकतो का अंत ना हुआ
शायद मेरी चाहतो में थी छुपी रज़ा तेरी
या मेरी नादानियों को ना मिली सजा तेरी
….. यूई
ए मालिक मेरी चाहतों का अंत ना हुआ
तेरी रहमत और बरकतो का अंत ना हुआ
शायद मेरी चाहतो में थी छुपी रज़ा तेरी
या मेरी नादानियों को ना मिली सजा तेरी
….. यूई