Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: #shayri
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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सम्पूर्ण ब्रहमण्ड भीतर विराजत ! अनेक खंड , चंद्रमा तरेगन !! सूर्य व अनेक उपागम् , ! किंतु मुख्य नॅव खण्डो !! मे पृथ्वी…
अलख जगे आकाश
तन कुँआ मन गागरी, चंचल डोलत जाय ! खाली का खाली रहे, परम नीर नहिं पाय !! मोती तेरा नूर मैं, देखूं चारों ओर…
अलख जगाआकाश
तन कुँआ मन गागरी, चंचल डोलत जाय ! खाली का खाली रहे, परम नीर नहिं पाय !! मोती तेरा नूर मैं, देखूं चारों ओर…
अलख जगा आकाश
‘मोती’ रोवत थान पर, माई गयी आकाश ! किसकी माई कब गयी, वह तो तेरे पास !! अलख जगा आकाश में, सुना जो भागत…
भोजपुरी गीत- ई संसार ना मिली |
विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक बधाई | भोजपुरी गीत- ई संसार ना मिली | बचावा तनी धरती माई मौका फिर तोहार ना मिली | मिटावा…
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