Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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“काशी से कश्मीर तक सद्भावना यात्रा सन1994”
“काशी से कश्मीर तक सद्भावना यात्रा सन1994” किसी भी यात्रा का उद्देश्य सिर्फ मौजमस्ती व् पिकनिक मनाना ही नहीं होता | यात्राएं इसलिए की जाती हैं…
ज़िद्दी
ये दिल बहुत ज़िद्दी है मेरा! मंज़िल-द़र-मंज़िल सफ़र करता है ठिकाना नहीं कोई इसका, ये सड़कों पर बसर करता है
जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)
वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…
वीर भगत सिंह
वीर शहीद भगत सिंह भगत सिंह सुखदेव राजगुरु थे वीर बहादुर आजादी के तराने के लिए झूल गये फांसी पर भारत मां का नारा लगा…
सुशांत सिंह राजपूत
कलाकार सुशांत बालीवुड का गलीयारा बिखरा चरों तरफ सन्नाटा पसरा रो रो कर फैन्स का हाल हुआ एक कलाकार का शोषण हुआ क्या वजह था…
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