दीये

मिट्टी से दीये बनते हैं
और उजाले मन के अंधेरों को दूर करते हैं

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परी

मिट्टी से गढ़ी है,  नन्ही सी परी है,  ना माँ की दुलारी, ना बाबा की प्यारी, ये सङकें ही घर है इसका , यहीं सारा जग…

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