दुश्मनों की दोस्ती है अब अहले वतन के साथ
दुश्मनों की दोस्ती है अब अहले वतन के साथ
है अब खिजाँ चमन मे नये पैराहन के साथ
सर पर हवाए जुल्म चले सौ जतन के साथ
अपनी कुलाह कज है उसी बांकपन के साथ
किसने कहा कि टूट गया खंज़रे फिरंग
सीने पे जख्मे नौ भी है दागे कुहन के साथ
झोंके जो लग रहे हैं नसीमे बहार के
जुम्बिश में है कफस भी असीरे चमन के साथ
मजरूह काफले कि मेरे दास्ताँ ये है
रहबर ने मिल के लूट लिया राहजन के साथ
रहबर ने मिल के लूट लिया राहजन के साथ…….bht khoob
thnak u
most wlcm 🙂
Bht khoob…depika ji……awesome..gajal
dhanyabaad ji
वाह जी वाह
Bahut khoob