Categories: Other
Related Articles
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
शायरी संग्रह भाग 3
मेरे इलाही मेरे रक़ीब को सलामत रखना। वो भी रोयेंगे मेरे मह़सर में।।1।। विकास कुमार कमति मेर रक़ीब मेरे माशुक को गुल दे दो।…
संस्कार
संस्कार बदलते दौर के साथ बदल गया संस्कार पैसे की होड़ में बिक कर रह गया संस्कार पैर छूने की परम्परा है विलुप्त के कगार…
संस्कार
संस्कार बदलते दौर के साथ बदल गया संस्कार पैसे की होड़ में बिक कर रह गया संस्कार पैर छूने की परम्परा है विलुप्त के कगार…
Responses