विचार – ३

(3) दूसरों के घाव देखने वाले कभी अपने घाव नहीं भर पाते।।1।। वर्तमान हि सब – कुछ हैं भूत वासना का घर और भविष्य चिन्ता…

विचार – ३

(3) दूसरों के घाव देखने वाले कभी अपने घाव नहीं भर पाते।।1।। वर्तमान हि सब – कुछ हैं भूत वासना का घर और भविष्य चिन्ता…

विचार – २

(2) लिखने मात्र से कुछ न होगा उसपे चलना तुम्हारी कवित्व को निखारेगा।।1।। सारी कृतियां समय व प्रस्तिथि कि देन हैं लोग अहम् – भाव…

विचार

कीचड में ही कमल खिलता हैं, लेकिन ऊपर नीचे नहीं ..1.. बिषयाशक्त पुरुष खुश रह नहीं सकता और निराशक्त को दु:ख छू नहीं सकता ..2..…

ब्रह्मचर्य

सर्वदा होश की अवस्था हैं ब्रह्मचर्य विषयों से अनासक्त का नाम हैं ब्रह्मचर्य पूर्व संस्कार का पूर्ण रुपेण त्याग हैं ब्रह्मचर्य ब्रह्मचर्य कुछ भी नहीं…

ब्रह्मचर्य

सर्वदा होश की अवस्था हैं ब्रह्मचर्य विषयों से अनासक्त का नाम हैं ब्रह्मचर्य पूर्व संस्कार का पूर्ण रुपेण त्याग हैं ब्रह्मचर्य ब्रह्मचर्य कुछ भी नहीं…

जीना जरूरी है

जय श्री सीताराम ———————— जीना जरूरी है, मरना कायरों का काम है . प्रण का टूटना स्वाभाविक है, फिर भी उठना वीरों का काम है…

ITNA ACHACHA YA BURA NAHI HOON

इतना अच्छा या बुरा नहीं हूँ, जितना कि दुनिया कहती है । मैं कैसा हूँ, ये सिर्फ व सिर्फ मैं जानता हूँ ।। ———————————————– मैं…

PRAKRITI KI SHOBHA …

प्रकृति की शोभा से बढ़के कोई शोभा न होता रब तेरे जैसा यार जहां में कोई ना होता ।। ————————————————– हरिश्चन्द्र की शोभा, तु सत्य…

MERA KUCH BHI NAHI HAIN

मेरा कुछ भी नहीं है, मुझमें राम सब-कुछ तेरा ही तेरा है राम बस देना साथ हमें सदा राम हम हैं तुम्हारे, तुम हो हमारे…

जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहते हैं नीर

जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहते हैं नीर वह भजन हैं तेरे लिए अमृत तुल(तुल्य) (2 बार गाये) ————————————————————————– जिस भजन को सुनके…

क्यूँ मांगे हम हाथ तुम्हारा

क्यूँ मांगे हम हाथ तुम्हारा जब हमें तुम्हारी जरूरत नहीं, हम तुम्हारे काबिल नहीं, तुम हमारे मुनासिब नहीं ।। ——————————— क्यूँ मांगे हम हाथ तुम्हारा…

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