Site icon Saavan

दोधारी तलवार

क्यों दोधारी तलवार से हैं लोग…
क्यों सच को स्वीकार नहीं कर पाते हम लोग….

जानते हैं कुछ साथ नहीं कुछ जाना
फिर भी क्यों जोडने की होड़ में लगे हैं लोग…

सब कहते है भगवान एक है
फिर क्यों अनेक रूप साबित करने में लगे हैं लोग…

कहते हो अपने तो अपने होते हैं
फिर क्यों अपनों को बेगाना बनाने में लगे रहते हैं लोग…

क्यों दोधारी तलवार से हैं लोग…
क्यों सच को स्वीकार नहीं कर पाते हम लोग…।

Exit mobile version