दोस्ती का अजब सा
किस्सा है
दोस्त जीवन का
अहम
हिस्सा है ।
स्वार्थ का
नामोनिशाँ तक
है नहीं ,
जन्म जन्मों का
अमर रिश्ता
है ।
प्रिय मित्रों
वसंती सवेरे की सरस.
घड़ियों में
सपरिवारसहर्ष ,मंगलकामनाएँ
सहर्ष स्वीकार करें ।
आपका अपना मित्र
जानकी प्रसाद विवश