छाती चौड़ी की
सिगरेट जलाई,
सोचता है इसे पी रहा हूँ।
तू नहीं पी रहा
इसको प्यारे
यह धुंआ तो मजे से तुझे पी रहा।
—– डॉ0 सतीश पाण्डेय
छाती चौड़ी की
सिगरेट जलाई,
सोचता है इसे पी रहा हूँ।
तू नहीं पी रहा
इसको प्यारे
यह धुंआ तो मजे से तुझे पी रहा।
—– डॉ0 सतीश पाण्डेय