तू खुद सक्षम बन ,
ए ! नारी शक्ति!
जमाना खुद बदल जाएगा,
बैठा है हर ज़हन में रावण,
राम कब तक तुझे बचाएगा,
तू सीता बन नए युग की,
रावण खुद मर जाएगा,
ना होगी फिर से अग्नि परीक्षा,
ना आंचल पर दाग लग पाएगा,
जरा निकल तो बाहर,
हीनभाव से
जमाना शीश झुकाएगा।