नयन आपके Satish Chandra Pandey 4 years ago नयन आपके राह भटका रहे हैं, जरा सा चलें तो अटका रहे हैं। हुआ क्या अचानक उन्हें आज ऐसा हमें देख जुल्फों को झटका रहे हैं। इल्जाम हम पर लगाओ न ऐसे, दिल ए द्वार वे खुद खटका रहे हैं। दिल टूटने से दुखी हैं बहुत वे मगर गम नहीं है, जतला रहे हैं।