नव प्रभात है Geeta kumari 3 years ago नव प्रभात है बीती निशा उठ कर करो पूर्ण अपनी आशा, स्वप्न करने को पूरे, आया है दिवस सुनहरा l रात भर जो देखे स्वप्न, आओ पूरे करते हैं l उठा तूलिका परिश्रम की, उल्लास के रंग से, अपना जीवन रंगते हैं॥ _______✍ गीता