ऊपर वाला
बिना वस्त्रों के भेजता है,
जन्म के वक्त निःवस्त्र
भेजता है।
ताकि आप ढक सको
नेकी के वस्त्रों से
अपना तन,
प्रेम से आच्छादित कर सको
अपना मन।
नेकी जरूरी है,
नेकी से ही
सार्थक होता है जीवन।
नेकी करने को
आपके सामने है
विस्तृत भूमि
और खुला आसमान,
मानो खुद को
धरती पर
केवल एक मेहमान
नेकी करो
और अपना बना लो
धरती और आसमान।