नौकरी

गुलामी का अर्थ
तो तब समझ आया,
जब नौकरी की कुछ दिन
एक प्राइवेट कंपनी में |
कहते है उसे ‘नौकरी’ क्यों,
यह तो जानता था |
किन्तु वह अस्तित्व में है ‘चाकरी’,
यह तो अब समझ आया |
समझ आया कि
तलवे चाटने से है बहेतर
बेकारी अपनी!
चाहे जेब खाली रह जाए,
कम से कम
सिद्धांत दृढ रहते है |

~Bhargav Patel (अनवरत)

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close