पगली लड़की /05

( पगली लड़की / 05 )

समझ ना पाया मैं उसके
जज्बातो कि हवाओ को
तकरार भी मैंने खूब किया
उस पगली को रुलाने के लिए
दर्द भर कर सिने में
अपने जहाँ को लुटाता रहा
खामोशी की झोली लेकर
इधर उधर घुमता रहा
छोटी छोटी बातो पर
मैं गुस्सा होता रहा
उसकी हर नादानी पर
मैं डाट फटकार लगाता रहा
सच में वह पगली ही
ना जाने क्यो इतना बेचैन रहती हैं
मेरे मुस्कुराहट के लिए
बात – बात पर ऑसू बहाती हैं

महेश गुप्ता जौनपुरी
मोबाइल – 9918845864

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close