Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
चलो पतंग उड़ाएं
चलो पतंग उड़ाएं लूट लें, काट लें पतंग उनकी सभी रंगीनियां अपनी बनायें चलो पतंग उड़ाएं चलो पतंग उड़ाएं। उनके चेहरे की खुशियों को चुराकर…
मकर संक्रांति : आसमान का मौसम बदला
आसमान का मौसम बदला बिखर गई चहुँओर पतंग। इंद्रधनुष जैसी सतरंगी नील गगन की मोर पतंग। मुक्त भाव से उड़ती ऊपर लगती है चितचोर पतंग।…
मकर संक्रान्ति
जैसे जैसे मकर संक्रान्ति के दिन करीब आते हैं हर जगह पतंग! हर जगह पतंग! ये कागज की पतंगें बहुत आनंद देती हैं नीले आसमान…
Waah
Thank you