पर्वत

ऊँचे ऊँचे पर्वत ,
पर्वत पर ये रास्ते

किसने बनाये ये सब,
और बनाये किसके वास्ते

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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दिल का पथिक

हालात जमाने की कुछ वक्त की नजाकत, कैसे कैसे बहाने भूलों के वास्ते। अपनों के वास्ते कभी सपनो के वास्ते, बदलते रहे अपने उसूलों के…

रास्ते

त्रिकोण से हैं रास्ते जिस रास्ते तू जायगा, फलित होंगे कर्म वैसे जिस रास्ते तू जायगा -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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