किंकणी न बाँधिये
पैरों में अपने,
बिना खन-खनाहट के
पहचान लेंगे।
कभी आजमा के
देख लीजियेगा,
तुन्हें बन्द आंखों से
पहचान लेंगे।
किंकणी न बाँधिये
पैरों में अपने,
बिना खन-खनाहट के
पहचान लेंगे।
कभी आजमा के
देख लीजियेगा,
तुन्हें बन्द आंखों से
पहचान लेंगे।