पानी
सुनो आज तुम्हे सुनाऊ
पानी की कहानी
कीमती है पानी
कहती थी मेरी नानी |
कभी अमृत जैसा मीठा था
मेरे गांव का ये पानी
अब विषैला होता जा रहा
हर घट- घट का पानी |
बचपन मे पानी पिया
अब विष पीते पीते आ गई जवानी
बुढ़ापा शायद ना आये
जहरीला हो रहा अब देश का भी पानी |
गली गली मे बर्बाद हो रहा
नालियों मे बह गया स्वच्छ पानी
आज बचाओ मेरे भाई
कभी अंतिम समय ना गंगाजल मिले और ना मिले ये
~~~~~~पानी ~~~~~~~~~~~~
– – – – – – – – – – – – – – – – – राम नरेश ——
क्या कहानी है
Nice
Mere Gao ka Pani
Nice
वाह