प्यार में भीगते-भिगाते रहो Satish Chandra Pandey 4 years ago आज जितना भी बरसता है बरस जाने दो, फिर तो सावन भी चला जायेगा, सींच कर कोना-कोना धरती का फिर तो सावन भी चला जायेगा। आज जितना भी चाहो भीगो तुम प्यार ही प्यार भरा मौसम है, प्यार में भीगते-भिगाते रहो, फिर तो सावन भी चला जायेगा।