फाग Pt, vinay shastri 'vinaychand' 4 years ago सुमधुर ध्वनि मुखरित है होली के राग का। लो आ गया भैया महीना रंग बिरंगी फाग का।। धरती भी रंगीन है अम्बर भी रंगीन है। नवल कुसुम संग पत्र नवल है सुरभित जगत नवीन है।। नफरत की होलिका जला विनयचंद प्रेम प्रज्वलित आग का।।