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बनूँ मैं जानकी तेरी..!!

तू मेरी नज्म़ बन जाए
मैं तेरी नज्म़ बन जाऊं
तू मेरा राग बन जाए मैं
तेरा राग बन जाऊं
कुछ इस तरह जुड़ जाएं
अलग ना कर सके कोई
तू मेरी रूह बन जाए
मैं तेरी रूह बन जाऊं
ना शबरी हूँ ना अहिल्या हूँ
ना शूर्पनखा-सी हूँ कामुक
बनूँ मैं जानकी तेरी
तू मेरा राम हो जाए…!!

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