बहुत परेशान करती है तन्हा रातें हमकों।

बहुत परेशान करती है तन्हा रातें हमकों।
मुसल्सल याद आती है मुलाकातें हमको।।
,
ऐसे क्यूँ ख़फ़ा हो गए बिना सबब के तुम।
क़ोई वजह थी जहन में तो बताते हमकों।।
,
ख़ुद मुज़रिम होके हमें गुनाहगार कह दिया।
अपनी बेगुनाही के सबूत तो दिखाते हमको।।
,
अश्कों की वज़ह बनते है ख़त मेरे अक्सर।
कहतें हो तो फ़िर क्यूँ नहीं जलातें हमकों।।
,
कहना आसान है ओ वादे भी तमाम होते है।
पर क़ोई रिश्ता कहा था तो निभाते हमकों।।
,
जिसे भूलना हो वो याद क्या रखता आखिर।
लेकिन कहता है तारीखें याद दिलाते हमकों।।
@@@@RK@@@@

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close